
अहमदाबाद एयरपोर्ट के पास प्लेन क्रैश: एक त्रासदी की गाथा
12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक भीषण विमान दुर्घटना ने पूरे देश को हिला दिया। एयर इंडिया की उड़ान संख्या 171, जो अहमदाबाद से लंदन के लिए रवाना हो रही थी, उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 242 यात्री सवार थे, जिनमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी शामिल थे।
दुर्घटना का विवरण
विमान ने जैसे ही उड़ान भरी, ATC (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) को “MAYDAY” कॉल प्राप्त हुआ। इसके बाद विमान से कोई संपर्क नहीं हो सका। विमान अहमदाबाद के मेघाणी नगर इलाके में एक डॉक्टरों के हॉस्टल के पास गिरा, जिससे आसमान में धुएं का गुबार उठता देखा गया।
दुर्घटना के बाद हवाई अड्डे पर सभी उड़ानें अस्थायी रूप से रोक दी गई हैं। बचाव कार्य में NDRF की कई टीमें जुटी हैं, जिनमें 90 से अधिक कर्मी शामिल हैं। दमकल और एम्बुलेंस की कई गाड़ियाँ मौके पर भेजी गई हैं।
संभावित कारण
प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, तकनीकी खराबी या अन्य कारणों से विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ। हालांकि, विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।
राहत और बचाव कार्य
घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं। NDRF की टीमें, दमकल विभाग और चिकित्सा दल मौके पर तैनात हैं। अधिकारियों ने स्थिति पर नियंत्रण की पूरी कोशिश की है।
एयर इंडिया और टाटा ग्रुप की प्रतिक्रिया
एयर इंडिया और टाटा ग्रुप ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। एयर इंडिया के चेयरमैन ने बयान जारी कर पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई और जांच में सहयोग देने की बात कही।
अहमदाबाद एयरपोर्ट की स्थिति
दुर्घटना के बाद अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। सभी उड़ानों को निलंबित कर दिया गया है और यात्रियों से अपील की गई है कि वे आवश्यक सूचना और मार्गदर्शन के लिए संबंधित एयरलाइन्स या एयरपोर्ट अधिकारियों से संपर्क करें।
मानवाधिकार और सुरक्षा
इस दुर्घटना ने मानवाधिकार और सुरक्षा के मुद्दों को भी उजागर किया है। विमानन सुरक्षा मानकों की समीक्षा और सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है। सरकार और संबंधित एजेंसियाँ इस दिशा में कदम उठा रही हैं।
निष्कर्ष
अहमदाबाद में हुई यह विमान दुर्घटना न केवल एक तकनीकी विफलता का परिणाम है, बल्कि यह मानवाधिकार और सुरक्षा के महत्वपूर्ण मुद्दों को भी सामने लाती है। इस त्रासदी से हमें यह सीखने की आवश्यकता है कि सुरक्षा मानकों का पालन और मानवाधिकारों की रक्षा हमारे समाज की प्राथमिकता होनी चाहिए।